कृष्ण जन्माष्टमी बाल पूजा समिति केतीन बच्चों ने 10 ₹ महीने जमाकर जन्माष्टमी की शुरुआत 2010 में किया।
बेगुसराय खोदावंदपुर।
बेगुसराय जिले के खोदावंदपुर प्रखंड अंतर्गत तमाम छोटे-बड़े मंदिरों में सुबह पांच बजे पहली आरती के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की शुरुआत हुई। सुबह की आरती में शामिल हर भक्त झूमने से स्वयं काे नहीं रोक सका। इसके बाद पूजा अर्चना और भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने का सिलसिला शुरू हुआ और आधी रात तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा ।कृष्ण जन्माष्टमी बाल पूजा समिति के श्रद्धालुओं ने भी पूजा अर्चना की। तीन बच्चों ने मिलकर की थी 2010 में जन्माष्टमी की शुरुआत
12 से 15 साल के तीन बच्चों ने 10 ₹ महीने जमाकर जन्माष्टमी की शुरुआत हुआ ।पूजा पंडाल में भगवान श्रीकृष्ण का जयघोष गूंजता रहा और भगवान श्रीकृष्ण को झूला झूलाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ लगी रही। बच्चे भी झूला झूलाने में पीछे नहीं रहे।छोटे बच्चे भगवान श्रीकृष्ण बनकर पूजा पंडाल में पहुंचे। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। प्रसाद के रूप में पेड़ा, लड्डू, और माखन-मिश्री वितरित किए गए। मध्यरात्रि को भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। दरअसल जन्माष्टमी की मध्यरात्रि का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म इसी समय हुआ था।
लिहाजा रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की पूजा के दौरान मंदिरों में विशेष कीर्तन और भजन हुए। इस्कॉन मंदिरों में सोने के कलश से भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक, दूध, दही और जल से किया गया।विद्वानों ने वैदिक मंत्रों के साथ सुंदर तरीके से यज्ञ सम्पन्न कराया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता श्री कृष्ण जन्माष्टमी के संस्थापक राजेश कुमार, सिकंदर कुमार(चन्द्रगुप्त)और श्रीराम पंडित अपने परिवार,मित्रगण और समाज के सहयोग से धीरे-धीरे बड़े स्तर पर पूजा पाठ करना शुरू किया और गाँव का नाम ऊंचा किया।2015 में सिकंदर कुमार(चन्द्रगुप्त)को अपने चाचा शम्भू पंडित(शम्भू टेंट हॉउस), दिलीप पंडित, रामबाबू महतो और अपने बड़े भाई अविनाश राज और मित्र सुमंत कुमार शिवम् कुमार सुमन कुमार,स्वर्गीय राजकुमार महतो द्वारा बहुत बड़ा सहयोग मिला और मेला अपने भव्य स्वरुप धारण करने लगा।अंत में अध्यक्ष और सचिव ने बताया की 2024 में 24 घंटे हमारे साथ रहें
कृष्ण जन्माष्टमी बाल पूजा समिति के अध्यक्ष सुमंत कुमार और सचिव राजेश कुमार ने बताया की यह जन्माष्टमी सनातन धर्म के शत्रु का समूल विनाश और सनातन धर्म के मानने वालों के सुख समृद्धि के लिए कर रहा हूं।श्री कृष्ण के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। भगवान श्री कृष्ण का व्यक्तित्व संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका योगी स्वरूप हमें जीवन में मानसिक संतुलन बनाए रखने का पाठ पढ़ाता है। जिनमें भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूप, वासुदेव व देवकी के जेल में बंद होना, जेल से बालक श्रीकृष्ण को यमुनापार ले जाते हुए वासुदेव, पूतना का वध करते श्रीकृष्ण, यशोदा को अपने मुख में ब्राह्माण्ड दिखाते हुए श्रीकृष्ण, माखन चोरी करते हुए नरसिंह अवतार आदि झांकियां थी।
भगवान की विभिन्न मुद्राओं की तस्वीर लगाई गई। वहीं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की कृष्ण जन्माष्टमी बाल पूजा समिति झांकी प्रदर्शित की गई।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर कथा वाचिका शालनी किशोरी के साथ मधुर भजनों ने माहौल को भक्तिमय कर दिया। समिति के संस्थापक राजेश कुमार चंद्रगुप्त सिकंदर ने बताया कि कई प्रशासनिक और पुलिस उच्च अधिकारियों, प्रमुख समाजसेवियों, पत्रकारों और प्रबुद्ध हिंदू बुद्धिजीवियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राजाराम(ip स्कूल), दयानन्द और रविशंकर, डॉ मुकेश श्याम कुमार श्याम,राजेंद्र शर्मा, दिलीप पंडित, शम्भू पंडित, ललित पंडित नरेश प्रशाद निराला, सुरेश प्रशाद निराला, जय कुमार गोपाल जी, रामचरित्र महतो, रामबाबू महतो, अविनाश राज, सुमन पंडित, रामगुलाम, जयराम, मिथलेश, सूरज, प्रशांत(कन्हैया)सोनू, गुड्डू, संजीत, अमरजीत, मदन, विपिन, राजीव, कुंदन, हेमंत, राजू आदि कई मित्र उपस्थित रहे।
Comments
Post a Comment